गुप्त अँधेरे कमरे से 
कब तक बाहर ताकोगे ?
उजालों के लिए कब तक ,
बंद खिड़कियों से झांकोगे ? 
आज चीन से तनी है ,
तो उसका बसहिष्कार सही। 
स्वदेशी की सोच, देर करदी
शायद? फिर भी विचार सही। 
कल फिर किसीसे तनेगी,
बहिष्कार का वो वजह देगा। 
आत्मविश्वास अंगद सा न हुआ,
तो इतिहास उसकी सजा देगा।
हो सकता है जुमला हो,
ये भी देश के चौकीदार का !
खून तुम्हारा भी अगर शामिल है ? 
तो फ़र्ज़ निभाओ हक़दार का।   
 
 
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