नैटो की सदस्यता, यु एन ओ में वीटो है !
स्वतंत्र विदेश निति में, आज का मार्शल टीटो है !
बस एक गलती और, चारो ओर आग और धुआँ है !
कालनेमि को गले लगाया, मनो कालकूट विष छुआ है !!
आसमान से उत्तरी थी जो , स्वीडेन में जलना जारी है !
लन्दन की सड़कों का हाल, अंग्रेज़ बालाओं पे भरी है !!
आस पास के घटनाओ को कर अनदेखा, रहा वो खड़े के खड़े !
अपना देश जल गया, परमाणु बम्ब रह गए धरे के धरे !!
सत्तावन में तिरपन ऐसे, जो भाई भाई को काट रहे !
एक उम्मा के कई खलीफा, मज़हब बन्दर बाट सहे !!
हम उनके विक्षुप्तों को, शरणार्थी मानते रहे।
और वे संगठित होकर, कानून शरिया मांगते रहे !!
शार्ली हेब्दो ने मारी थी, व्यंग की छोटी सी पिचकारी !
लहू के फव्वारे छूटे, बरसाए बंदूकों से चिंगारी !!
सबका साथ, सबका विकास, ऐसे बकवास बंद हो ज़रूरी है !
उनकी कटार तुम्हारी गर्दन, बस एक मौके की दूरी है !!
मेरे लिखित कविताएँ और कहानियाँ जो मातृभूमि के लिए मेरी श्रद्धांजलि है और कुछ विचार हमेशा सोच में रखने के लिए!
रविवार, 23 जून 2024
धरे के धरे
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